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गजानन गणेशा है गौरा के लाला भजन लिरिक्स, Gajanan Ganesha Hai Gaura Ke Lala Lyrics

Gajanan Ganesha Hai Gaura Ke Lala Lyrics

गजानन गणेशा है गौरा के लाला लिरिक्स


गजानन गणेशा है गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

तर्ज – लगी आज सावन की।

है सबसे जुदा और सबसे ही न्यारी,
है शंकर के सूत तेरी मूषक सवारी,
होती देवों में प्रथम तेरी पूजा,
नहीं देव कोई है तुमसे निराला,
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

जो है बाँझ संतान उनको मिली है,
जो है सुने आँगन वहां कलियाँ खिली है,
कोढ़ी तुम देते कंचन सी काया,
भूखे को देते हो तुम ही निवाला,
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

रिद्धि और सिद्धि हो तुम देने वाले,
ये तन मन ये जीवन है तेरे हवाले,
‘अविनाश’ गाए और छूटे ना सरगम,
बना दे ‘बिसरया’ तू गीतों की माला,
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

गजानन गणेशा है गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

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